गर्भ संस्कार क्या है?
माता-पिता का उत्कृष्ट बीज व दृढ़ संकल्प ही उत्कृष्ट संतति का कारण होता है। माता-पिता के छोटे से बीज के संयोग से गर्भधारण व गर्भ का अणुरूप बीज मानव शरीर में रूपांतरित होता है। इस वक्त सिर्फ शारीरिक ही नहीं, आत्मा व मनका परिणाम बीज रूप पर होता है। चैतन्य शक्ति का छोटा-सा आविष्कार ही गर्भ है।
माता-पिता का एक-एक क्षण व बच्चे का एक-एक कण एक-दूसरे से जुड़ा है। माता-पिता का खाना-पीना, विचारधारा, मानसिक परिस्थिति इन सभी का बहुत गहरा परिणाम गर्भस्थ शिशु पर होता है। गर्भस्थ शिशु को संस्कारित व शिक्षित करने का प्रमाण हमें धर्म ग्रंथों में मिलता ही है। कई वैज्ञानिक भी इस बात से सहमत हैं व उन्होंने इसे सिद्ध किया है। हमारे धर्म ग्रंथों में प्रचलित सभी मंत्रों में यही कंपन रहता है- ऊँ, श्रीं,क्लीं, ह्रीम इत्यादि। गर्भस्थ शिशु को इन बीज मंत्रों को सिखाने की प्रथा हमारे धर्मग्रंथों में है।
चौथे महीने में गर्भस्थ शिशु के कर्णेंद्रिय का विकास हो जाता है और अगले महीनों में उसकी बुद्धि व मस्तिष्क का विकास होने लगता है। अतः,माता-पिता की हर गतिविधि,बौद्धिक विचारधारा का श्रवण कर गर्भस्थ शिशु अपने आपको प्रशिक्षित करता है। चैतन्य शक्ति का छोटा सा आविष्कार यानी,गर्भस्थ शिशु अपनी माता को गर्भस्थ चैतन्य शक्ति की 9 महीने पूजा करना है। एक दिव्य आनंदमय वातावरण का अपने आसपास विचरण करना है। हृदय प्रेम से लबालब भरा रखना है जिससे गर्भस्थ शिशु भी प्रेम से अभिसिप्त हो जाए और उसके हृदय में प्रेम का सागर उमड़ पड़े। आम का पौधा लगाने पर आम का पौधा ही बनेगा। उत्कृष्ट देखभाल,खाद-पानी देने पर उत्कृष्ट किस्म का फल उत्पन्न करना हमारे वश में है। तेजस्वी संतान की कामना करने वाले दंपति को गर्भ संस्कार व धर्मग्रंथों की विधियों का पालन ही उनके मन के संकल्प को पूर्ण कर सकता है।
गर्भ संस्कार की विधि गर्भधारण के पूर्व ही, गर्भ संस्कार की शुरूआत हो जाती है। गर्भिणी की दैनंदिन दिनचर्या, मासानुसार आहार, प्राणायाम, ध्यान, गर्भस्थ शिशु की देखभाल आदि का वर्णन गर्भ संस्कार में किया गया है। गर्भिणी माता को प्रथम तीन महीने में बच्चे का शरीर सुडौल व निरोगी हो,इसके लिए प्रयत्न करना चाहिए। तीसरे से छठे महीने में बच्चे की उत्कृष्ट मानसिकता के लिए प्रयत्न करना चाहिए। छठे से नौंवे महीने में उत्कृष्ट बुद्धिमत्ता के लिए प्रयत्न करना चाहिए।
ऐसे मिलेगी स्वस्थ संतान
-आहार विशेषज्ञ की सलाह से अपनी खानपान की आदतों में सुधार लाएं। विभिन्न तरह के स्वास्थ्यप्रद आहार लें। -गर्भवती होने से पहले अपने चिकित्सक की सलाह लें। हमेशा खुश रहने की कोशिश करें। -विचारों में शुद्धता रखें। -टीवी अथवा फिल्मों में ऐसे दृश्य देखने से परहेज करें, जो हिंसा और जुगुत्सा को बढ़ावा देते हों। -मद्यपान अथवा धूम्रपान करने वालों की संगत में न बैठें। किटी पार्टी आदि में ताश का जुआ अथवा तंबोला आदि से बचने की कोशिश करें। -धार्मिक जीवन चरित्रों को पढ़ें। -अपने मन में किसी भी प्रकार का टेंशन या मानसिक दुर्बलता को जगह न बनाने दें। -तेजस्वी संतान प्राप्ति के लिए जरूरी है कि आप मनसा वाचा कर्मणा शुद्ध व्यवहार पर ध्यान दें। भावी संतान के रखरखाव संबंधी जानकारियाँ एकत्रित करें। -अब तक न खाए हों, ऐसे फल-सब्जी खाएँ। -मांसाहार त्याग दें। बासी आहार न लें। आहार विशेषज्ञ की सलाह से अपनी खानपान की आदतों में सुधार लाएँ। विभिन्न तरह के स्वास्थयप्रद आहार लेने लगें।
ये ऑडियो लेक्चर आपको गर्भ संस्कार के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे.
Garbh.Sanskar.2 – GARBH SANSKAR – Lecture
GarbhSanskar.Class -1 (Introduction)
GarbhSanskar.Class -2(Mata Pita Ki Prarthna)
GarbhSanskar.Class -3(TV Programs Effect)
GarbhSanskar.Class -4(Bacche Se Connection)
GarbhSanskar.Class -5(Bacche Ko Sanskar)
GarbhSanskar.Class -6(Meditation By Mother)
GarbhSanskar.Class -7(Maun Vrat)
GarbhSanskar.Class -8(Conclusion)
=CHANTS FOR GARBH SANSKAR =
Garbh.Sanskar.3 – Prarthna – Lord Hanuman, Devi, Lord Vishnu
Garbh.Sanskar.4 – Aayushya Mantra – Good Health Mantra
Garbh.Sanskar.5 – Garbhsravini Sookta – Blessings
Garbh.Sanskar.6 – Baal Mukunda Shatakam – Lord Krishna Blessings
Garbh.Sanskar.7 – Pradnya Vivardhan Stotra – For Brain Development
Garbh.Sanskar.8 – Vanshvrudhi Vansh Kavach – Protection of Mother & Child
Garbh.Sanskar.9 – Garbh Raksha Prarthna to Lord Vishnu, Prajapati
Garbh.Sanskar.10 – Garbh Samvaad – Ek Tere Aa Jane Se
Garbh.Sanskar.11 – Om Namo Bhagvate Vasudevaya
Garbh.Sanskar.12 – Yog Nidra – Shlokas for Peaceful Sleep
Garbh.Sanskar.13 – Garbh Gita Audio Book
Garbh.Sanskar.14 – Pregnancy Music_ Relax & Calm Music
Garbh.Sanskar.15 – Relaxing Harp Music & Soothing Sounds
Garbh.Sanskar.16 – Gayatri Mantra ( 108 peaceful chants )
GarbhSanskarNew.2 – Ganesh Stotra
GarbhSanskarNew.3 – Santan Gopal Mantra
नीचे की यह प्रार्थना रात को सोने से पहले सुननी चाहिये.
GarbhSanskarNew.12 – Abhimanyu Garbh Sanskar (Hindi)
नीचे के 3 ऑडियो में गर्भवती माँ की बच्चे से बातचीत है, यह बहुत ही Powerful तरीका है, अपने बच्चे के गुण निर्धारिक करने का. आपका बच्चा सुन्दर हो, स्वस्थ हो, ज्ञानवान हो, धनवान हो, नीति ओर मर्यादा का पालन करने वाला हो, Creative Mindset वाला हो.
His/her Analytic skills should be great! A Positive attitude towards everything in Life. आप इन सब बातों के लिय अपने बच्चे को Program कर सकते हो. इस process को Fetal Programming कहा जाता है. (http://www.psychologytoday.com/blog/more-genes/200910/more-genes-i-so-what-is-fetal-programming)
GarbhSanwad.Hindi.1 – (Mom Talk to The Baby)
GarbhSanwad.Hindi.2 – (Mom Talk to The Baby)
GarbhSanwad.Hindi.3 – (Mom Talk to The Baby)
नीचे की ये दो प्रार्थना गर्भवती माँ को लगातार 21 दिन तक सुननी चाहिये. इसको सुनते हुए अपने मन के भाव भी शब्दों के अनुसार बनाइये, तभी इनका असर होगा.
Garbhvati Prarthna.Hindi.1 – (Mom Prayer to Lord)
Garbhvati Prarthna.Hindi.2 – (Mom Prayer to Lord)
धन्यवाद.
It's very nice info...thanq so much to mind guru India...
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